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19. इस दिल की गहराई

*आधे-अधूरे मिसरे-19*
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*इस दिल की गहराई*
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इस दिल की गहराई को कोई नापता नहीं।
इस दिल में क्या छुपा है कभी जानता नहीं।

अरमान मेरे दिल में सभी उसके थे मगर,
अफ़सोस वो इस बात को भी मानता नहीं।

दिल से निकल के उसके ठिकाना नही कोई,
वरना यूँ ज़माने की ख़ाकें छानता नहीं।

या हम बदल है या बदली नज़र तेरी,
मिलना भी हुआ है तो वो पहचानता नहीं।

अफ़सोस अपनी फितरत बदली न जा सकी,
अफ़सोस आज भी वो हमें थामता नहीं।

फ़राज़ (क़लमदराज़)
S.N.Siddiqui
@seen_9807
@⁨आलिया खान लेखनी से⁩

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4 Comments

या हम,,, बदले हैं,,, होगा,,

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सुन्दर सृजन

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Gunjan Kamal

28-Jul-2023 07:20 AM

👏👌

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